अधिगम की प्रकृति
अधिगम की प्रकृति को हम निम्न प्रकार से देख सकते हैः-
1. अधिगम अर्थात् सीखना व्यवहार में परिवर्तन है। –गिलफोर्ड के अनुसार
2. अधिगम अर्थात् सीखना जीवन पर्यन्त चलता रहता है।
3. अधिगम व्यक्तिगत व सामाजिक दोनों है।
4. अधिगम परिपक्वता है।
5. अधिगम खोज करना है।
“सीखना उस बात को खोजने और जानने का कार्य है,
जिसे एक व्यक्ति खोजना या जानना चाहता है।” – मर्शेल के अनुसार
6. अधिगम अनुभवों का संगठन है।
7. अधिगम उत्तेजना एवं अनुक्रिया के बीच सम्बन्ध है।
8. अधिगम ज्ञानात्मक, भावात्मक, क्रियात्मक पक्ष से सम्बन्धित होता है।
“सीखने का सम्बन्ध स्थिति के क्रमिक परिचय से है।” – गेट्स के अनुसार
9. अधिगम अनुकूलन है।
10. अधिगम स्थानान्तरणीय है।
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