Book Details:
Name – Sam Samayik Ghatna Chakra April-May 2018
Type – PDF
Quality – Very High
Language – Hindi
Pages – 181
File Size – 7.4 MB
Download Sam Samayik Ghatna Chakra April-May 2018
Help us Varies Exam
SSC Graduate Level Exams— Combined Graduate,Level Prel. Exam, CPO Sub-Inspector, Section Officer(Audit), Tax Assiatant (Income Tax & Central Excise), Section,Officer (Commercial Audit), Statistical Investigators,Combined Graduate LDC,Stenographer Grade ‘C’ & ‘D’ etc.,SSC Combined Matric level Exams — Combined,Matric Level Pre-Exam, Multitasking (Non-Technical) Staff,CISF Constable (GD), Constable (GD) & Riflemen (GD), UPCS, UPPSC, UPSSSC, UP Police Constable or SI and Other Competitive Exams.
पुस्तक में महत्वपूर्ण विषय
घोटाले अचानक भले ही उजागर होते हों, किंतु उनका कनेक्शन पुराना होता है। अगर कोई जालसाजी या कूट रचना तुरंत पकड़ में आ जाए, तो उसे घोटाला कहेंगे ही नहीं। वर्तमान में उजागर पी.एन.बी. घोटाला भी विगत 7 वर्षों से अस्तित्व में था, किंतु खुलासा तब जाकर हुआ जब इसे छिपाने वालों के लिए परिस्थितियां विपरीत हो गईं। घोटालेबाजों के लिए अनुकूल परिस्थितियां बने रह पाने का सबसे बड़ा कारण यह है कि हमारे देश में नियामकों (रेगुलेर्ट्स) की सदृढ़ व्यवस्था शायद नहीं है। नई सरकार के गठन के कुछ ही दिनों बाद नवंबर, 2014 में मुंबई स्टॉक एक्सचेंज में दिए गए अपने संभाषण में वित्त मंत्री ने कहा था ‘‘सरकार नियामकों की व्यवस्था को सदृढ़ करेगी। वित्तीय क्षेत्र कानूनी सुधार आयोग की महत्वपूर्ण सिफारिशें सरकार के पास हैं, इनमें कई सुझावों को हम लागू करेंगे।’’
विभिन्न वित्तीय पेशेवरों के लिए नियामक बनाने के लिए अनेक प्रस्ताव नई सरकार के पास लंबित थे किंतु केवल बैंकिंग बोर्ड ब्यूरो बना, जो बैंकों में प्रशासनिक सुधारों की सिफारिशें सरकार को सौंपकर खत्म हो गया। बैंकिंग बोर्ड ब्यूरो के अध्यक्ष कहते हैं-‘‘ब्यूरो और वित्त मंत्रालय के बीच संवाद ही नहीं हुआ। हम वित्त मंत्री के साथ बैठक का इंतजार करते रहे।’’ नियामकों के प्रति ऐसी उदासीनता ही घोटालों की पृष्ठभूमि निर्मित करते हैं। जिस प्रकार घोटालों को अंजाम दिया जा रहा है, उसमें फर्क नहीं पड़ता है कि सरकार में कौन है? अब सुरक्षित गवर्नेंस के लिए स्वतंत्र नियामकों की पूरी फौज चाहिए। इन्हें नकारना अर्थव्यवस्था के लिए मुसीबत को न्योता देना है। नियामकों की जरूरत पर ही केंद्रित है,
इस अंक का हमारा आवरण आलेख ‘‘पीएनबी घोटाला : नियामकीय दक्षता पर प्रश्नचिह्न’’।
भारत के पास दुनिया के कुल भू-भाग का 2.4 प्रतिशत हिस्सा है, जिस पर दुनिया की 17 फीसदी आबादी और 18 फीसदी मवेशियों की जरूरत पूरी करने का दबाव है। इतनी आबादी के पोषण हेतु भारत के वनों पर भी भारी दबाव है, किंतु इस दबाव के बावजूद भारत अपनी वन संपदा बचाने और बढ़ाने में सफल रहा है। भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2015 के अद्यतन आंकड़ों एवं वर्ष 2017 की रिपोर्ट के तुलनात्मक आंकड़ों के अनुसार, भारत में अति सघन वन 9525 वर्ग किमी. बढ़े हैं। भारत में खुले वन 1674 वर्ग किमी. बढ़े हैं, जबकि मध्यम सघन वन 4421 वर्ग किमी. घटे हैं। जाहिर तौर पर इन आंकड़ों का निष्कर्ष यह है कि कुछ मध्यम सघन वन, अति सघन वन में परिवर्तित हुए हैं। भारत वन स्थिति रिपोर्ट, 2017 सामयिक आलेख के अंतर्गत नवीनतम रिपोर्ट के समस्त आंकड़ों को समेटा एवं सहेजा गया है। ये आंकड़े परीक्षार्थियों के लिए वर्ष भर लाभप्रद रहेंगे।
इस निष्पत्ति के प्रति किसी को मुगालते में नहीं रहना चाहिए कि राजनीतिक असहिष्णुता के लिए जिस प्रकार मूर्तिभंजन का प्रतिक्रियावादी दौर शुरू हुआ है, उसके आगे चलकर हिंसक राजनीतिक संघर्ष में तब्दील होने के खतरे विद्यमान हैं। ‘मूर्तिभंजन के दौर में राजनीतिक संस्कृति’ सामयिक आलेख में तंग होते राजनीतिक सहिष्णु भाव पर समीक्षात्मक विचार प्रस्तुत किया गया है।
मालदीव का ताजा राजनीतिक संकट अवश्य ही भारत के लिए चिंतनीय है। हाल के वर्षों में मालदीव में चीन ने आक्रामक तरीके से अपनी पैठ बनाई है। ‘मालदीव में आपातकाल’ आलेख में यहां के राजनीतिक संकट का विस्तृत विवेचन प्रस्तुत किया गया है।
अब मेट्रो फीडर बस और पार्किंग में भी चलेगा स्मार्ट कार्ड
चाणक्य और चंद्रगुप्त Chanakya and Chandragupta
23 अप्रैल का इतिहास – History 23 April
मुद्रास्फीति को कैसे नियंत्रित किया जाता है जाने
हंदवारा में तीन लश्कर-ए-तैयबा के उग्रवादी मारे गए
मज़ेदार फ्री किताब डाउनलोड करने के ये 8 स्थान
‘भारत पर्व’ का फोकस ‘देखो अपना देश’ पर