आज से कांग्रेस में राहुल गाँधी राज की शुरुआत
आज जबकि कांग्रेस पार्टी विपक्ष में है, पूंजीपतियों और मीडिया के साथ में सांठगांठ तथा कट्टरपंथी राजनीति अपने चरम पर है और सामने नरेंद्र मोदी जैसा विश्व प्रसिद्ध नेता लोगों का उन पर आत्मविश्वास जनता की नब्ज समझने मैं माहिर है राहुल गांधी का कांग्रेस अध्यक्ष का पदभार संभाला चुनौतियों से भरा हुआ है खोया आत्मविश्वास वापस लाने में राष्ट्रीयता हो रही पार्टी को मजबूत करना उनके लिए बड़ी चुनौती होगी.
प्रधानमंत्री मोदी से है बड़ा मुक़ाबला
दिसंबर से राहुल गांधी भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष के रुप में चुन लिया गया इसी के साथ कांग्रेस की एक नई पीढ़ी की शुरुआत हुई जो एक नई टीम के साथ आगे नेतृत्व करने को तैयार है अभी तक कांग्रेस अध्यक्ष मित्रों के अध्यक्षों में छह गांधी परिवार से ही रहे हैं देखना होगा राहुल पार्टी को किस दिशा में ले जाते हैं उनके सामने सबसे बड़ी चुनौती भारतीय जनता पार्टी है जो अपनी आक्रमकता से पूरे देश में एक तरफा लोकप्रियता की तरफ बढ़ रही है.
काँग्रेस में राहुल गाँधी का रहा है पुराना इतिहास
राहुल गाँधी पिछले 13 सालों से पार्टी से जुड़े हैं और अपनी मां सोनिया गांधी के देखरेख में राजनीति की बारीकियों को समझा है, प्रधानमंत्री मोदी की जनता में बढ़ती लोकप्रियता कांग्रेस से एक के बाद एक राज्य छिनती जा रही है असम जैसे राज्य जो कभी कांग्रेस का गढ़ हुआ करते थे भाजपा मे आ चुके हैं, अंदाजा लगाना साथ है कि मोदी लहर से कांग्रेस को निकालना काफी विषम परिस्थिति होंगी.
गाँधी परिवार से रहे है 6 पार्टी अध्यक्ष
राहुल गाँधी के सामने वरिष्ठ नेताओं तथा नए घर के युवा नेताओं मैं एक संतुलन बनाना भी बड़ी चुनौती है कभी कांग्रेस पूरे देश के एक राष्ट्रीय पार्टी हुआ करती थी जो भविष्य में स्तर खोती जा रही है. देश के बड़े राज्यों में कांग्रेस का प्रदर्शन काफी खराब देखने को मिला है ऐसे में अगले साल मध्य प्रदेश राजस्थान छत्तीसगढ़ कर्नाटक जैसे बड़े राज्य में जब चुनाव होंगे जो आने वाले लोकसभा के परिणामों की ओर इशारा करेंगे इन राज्यों में कांग्रेस के सब दर्शन करती है राहुल के नेतृत्व में देखने योग्य होगा फिलहाल आज तक नेहरू परिवार से मोतीलाल नेहरू, जवाहरलाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, सोनिया गांधी और उनके पुत्र राहुल गांधी परिवार की ओर से अध्यक्ष की कमान संभालने को तैयार हैं.