रो रो फ़ेरी परियोजना क्या है, विस्तार से जाने
चर्चा में क्यों है रो रो फ़ेरी परियोजना
- 22 अक्टूबर 2017 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का गुजरात में रो रो फ़ेरी परियोजना का शुभारंभ किया गया.
- दक्षिण एशिया की सबसे बड़ी और अत्याधुनिक रो रो सर्विस में से एक है यह रो रो फ़ेरी परियोजना सर्विस.
- 614 करोड़ रुपए की लागत का है अनुमान.
- इस परियोजना का वित्तपोषण, गुजरात और केंद्र सरकार द्वारा सागरमाला परियोजना के अंतर्गत किया जाना है.
क्या है रो रो फ़ेरी परियोजना
- रो रो सर्विस एक प्रकार की फेरी सर्विस है.
- नदियों के बीच में से दो किनारों को आपस में जलमार्ग के माध्यम से मिलाने की पहल है, रो रो फ़ेरी परियोजना .
- वस्तुओं, वाहनों को और लोगों को एक टर्मिनल अर्थात एक किनारे से दूसरे किनारे तक ले जाने के लिए पानी के जहाज का इस्तेमाल किया जाता है. इन जहाजों पर बड़ी गाड़ियां, व्यवसायिक माल इत्यादि को आसानी से ले जाया जा सकता है.
- टर्मिनल पर वाहनों को क्रेन से उठाने की वजह सीधे जहाज पर ही ड्राइव करके रख कर आसानी से ले जाने की है व्यवस्था.
रो रो परियोजना की विशेषताएं
- सौराष्ट्र के घोघा जोकि भावनगर जिले में है से दक्षिण गुजरात के दाहेज जोकि भरुच जिला में आता है. दोनों के बीच शुरू की गई है यह परियोजना.
- दोनों के बीच 100 वाहनों जिसमें कार, बस और ट्रक शामिल है तथा 250 यात्रियों को भी आसानी से ले जाया जा सकता है.
- घोघा से दहेज तक की सड़क मार्ग से दूरी लगभग 360 किलोमीटर है जो समुद्री मार्ग से मात्र 31 किलोमीटर हो जायेगी.
- सड़क मार्ग में लगने वाले 8 घंटे के बजाय समुद्री मार्ग से 1 घंटे में पूरा कर लिया जाएगा सफर.
रो रो फ़ेरी परियोजना के लाभ
- लोगों वस्तुओं और वाहनों की आवाजाही को मिलेगी रफ्तार.
- माल ढुलाई के समय और लागत दोनों की होगी बचत.
- लागत की कमी होने से उत्पादों के मूल्य में भी आएगी भारी गिरावट.
- क्षेत्र में औद्योगिक विकास को मिलेगा बल और रोजगार के अवसरों का होगा नया सृजन.
- पर्यावरण के दृष्टिकोण से भी वाहनों के अन्य साधनों के मुकाबले अधिक फायदेमंद है जिससे प्रदूषण कम होगा.
- रो रो फ़ेरी परियोजना से सड़क और रेल नेटवर्क पर भी दबाव कम होगा.
What is the Ro Ro ferry project, go to detail newsexpand.com
[…] अमेरिका की तर्ज पर कई और दूसरे देश भी ऐसा करने को सोच सकते हैं. […]