शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीकी (आईसीटी)
सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी, जिसे आमतौर पर आईसीटी (ICT)कहा जाता है. शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीकी (आईसीटी) के उपयोग द्वारा हम सूचना को इलेक्ट्रॉनिक माध्यम से पारेषित, संग्रहित व आदान-प्रदान करते है.
भारत में को स्कूलों में सूचना और संचार प्रौद्योगिकी (आईसीटी) योजना राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा अभियान के अंतर्गत दिसम्बर 2004 में शुरू की गयी थी. माध्यमिक स्तर के छात्रों को मुख्यत: अपनी आईसीटी कौशल क्षमता बढ़ाने और कम्प्यूटर सहायक शिक्षण प्रक्रिया के माध्यम से सीखने के अवसर प्रदान करने हेतु किया गया था। यह योजना छात्रों के विभिन्न सामाजिक, आर्थिक डिजिटल डिवाइड और अन्य भौगोलिक अवरोधों को पार करने का सेतु है।
स्कूलों में सूचना, संचार और प्रौद्योगिकी योजना के मुख्य 4 घटक हैं:-
- प्रथम है माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक, सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों को कम्प्यूटर सहायक शिक्षा प्रदान करने के लिए राज्य सरकार और संघ राज्य क्षेत्र प्रशासनों के साथ भागीदारी।
- दूसरा है स्मार्ट स्कूलों की स्थापना करना जो प्रौद्योगिकी प्रदर्शक होंगे।
- तीसरा घटक है शिक्षक-संबंधित हस्तक्षेप जैसे – विशिष्ट शिक्षक की नियुक्ति, आईसीटी में सभी शिक्षकों की क्षमता-बढ़ाना और प्रेरणा के रूप में राष्ट्रीय आईसीटी पुरस्कार हेतु योजना।
- चौथे का संबंध मुख्यत: केन्द्रीय शिक्षा प्रौद्योगिकी संस्थान (सीआईईटी), 6 शिक्षा प्रौद्योगिकी संबंधी राज्य संस्थानों (एसआईईटी) और 5 प्रादेशिक शिक्षा संस्थानों (आरआईई) और आउटसोर्सिंग के माध्यम से भी, ई-विषयवस्तु का विकास करने से है।
अब तक अर्जित अनुभव के आधार पर यह योजना जुलाई, 2010 में संशोधित की गयी थी।
- संशोधित योजना के अंतर्गत प्रत्येक माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूल में उपयुक्त अर्हता प्राप्त पूर्णकालिक कम्प्यूटर शिक्षक की व्यवस्था है। उच्च माध्यमिक स्कूल में कम्प्यूटर से संबंधित ऐच्छिक विषय पढ़ाए जाने के मामले में कम्प्यूटर में स्नातकोत्तर शिक्षक की जरूरत होगी।
- माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक स्कूलों में सभी शिक्षकों के लिए सेवाकालीन (प्रेरक और पुनश्चर्या) प्रशिक्षण की व्यवस्था है ताकि वे आईसीटी समर्पित शिक्षा देने में समर्थ हो सकें।
- स्मार्ट स्कूल योजना : स्कूल योजना में आईसीटी के अंतर्गत अब तक 12 राज्यों और 3 संघ राज्य क्षेत्रों के 150 स्मार्ट स्कूलों में से 63 स्कूलों का अनुमोदन किया गया है।
- स्कूलों में शिक्षण-अधिगम प्रक्रिया में आईसीटी का प्रयोग करने वाले शिक्षकों के लिए राष्ट्रीय पुरस्कार की योजना शामिल है।
- आईसीटी नीति : स्कूली शिक्षा में आईसीटी के प्रयोग की नीति तैयार करने के लिए समिति गठित की गई है। इस नीति के प्रारूप का उद्देश्य युवाओं को आईसीटी का प्रयोग करते हुए वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धा तथा संस्थापन, जीविका और ज्ञान आधारित समाज की बढ़ोतरी में सृजनात्मक दृष्टि से तैयार करना है।
- वर्तमान में यह योजना सरकारी और सरकारी सहायता प्राप्त माध्यमिक और उच्च माध्यमिक दोनों स्कूलों को कवर करती है। कम्प्यूटरों और संबंधित उपस्कर के प्रापण, शैक्षिक सॉफ्टवेयर, शिक्षकों के प्रशिक्षण, ई-विषयवस्तु के विकास, इंटरनेट कनेक्टिविटी और स्मार्ट स्कूलों की स्थापना के लिए वित्तीय सहायता प्रदान की जाती है।
व्यापक रूप से इसके अंतर्गत- रेडियो, मोबाइल फ़ोन, कम्प्यूटर, सैटलाइट प्रणाली, दूरभाष आदि आते है. इसके अलावा इसमें प्रौद्योगिकी से जुड़ी सेवाएँ व उपकरण आते है. जैसे- वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग, ई-मेल व ब्लॉग्स आदि आईसीटी के दायरे में आते है. शिक्षा में सूचना एवं संचार तकनीकी (आईसीटी) से छात्र ही नही बल्कि शिक्षक भी लाभान्वित हो सकते है. जिससे विद्यालयों व विश्वविद्यालयों में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है.
परिभाषा-
प्रोo एस.के. दूबे के अनुसार-
“सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का आशय संचार-साधनों की व्यवस्था के कुशलतम संचालन से है जो सूचनाओ को एक स्थान से दूसरे स्थान तक प्रेषित करने में सहायता करती है.”
आर.के.शर्मा के अनुसार-
“सूचना एवं सम्प्रेषण तकनीकी का आशय उन संचार साधनों के व्यावहारिक प्रयोग की ओर संकेत करता है, जो मानव के कल्याण तथा आवश्कता पूर्ति हेतु सूचनाओ का आदान-प्रदान करते है.”
आज के सूचना क्रांति के युग में, विगत वर्षो से सूचना एवं संचार प्रौद्योगिकी(आईसीटी) को शिक्षा के क्षेत्र में ज्ञान-प्राप्ति के लिए प्रमुख रूप से उपयोग में लाया जा रहा है, जिससे छात्रों को सुविधापूर्ण तरीके से दुनिया भर के विषय-विशेषज्ञों से संसाधनों की जानकारी प्राप्त करने के साथ-साथ, ई-पुस्तके, विगत वर्षों के प्रश्न-पत्र देखने व माँडल प्रश्न-पत्र हल करने में सहायता मिलती है.
Vary nice Mam, Thanx for this Article