प्रमुख शिक्षण प्रतिमान
(Important Teaching Models)
प्रमुख रूप से तीन शिक्षण प्रतिमान Teaching Models है, जिनका वर्णन इस प्रकार किया गया है-
(A) बुनियादी शिक्षण प्रतिमान (Basic Teaching Models)-
इसे मनोवैज्ञानिक प्रतिमान या प्राथमिक शिक्षण प्रतिमान अथवा आधार भूत या मौलिक शिक्षण प्रतिमान भी कहा जाता है.
1962 में राबर्ट ग्लेशर ने प्रतिपादित किया. उन्हों ने प्रमुख रूप से वास्तविक चिकित्सा के आधार पर इसे वर्णित किया है.
इस शिक्षण प्रतिमान में शिक्षण प्रकिया को निम्नलिखित चार भागों में विभाजित किया गया है.
1- अनुदेशनात्मक लक्छ्य
2- पूर्व व्यवहार
3- अनुदेशनात्मक प्रक्रिया
4- निष्पादन मूल्यांकन
राबर्ट ग्लेशर के बुनियादी शिक्षण प्रतिमान के आधारभूत तत्व निम्नलिखित है.
1- उद्देश्य / लक्ष्य / केंद्र बिंदु :- यह प्रतिमान व्यवहारों में परिवर्तन अथवा सुधार का प्रयास करता है तथा मानव-मूल्यों के स्तर को उठाता है.
2- संरचना
3- सामाजिक प्रणाली
4- सहायक प्रणाली
5- मूल्यांकन
6- प्रयोग:-इस प्रतिमान का प्रयोग छात्रों में व्यक्तिगत छमताओ का विकास कर व्यवहारों में परिवर्तन लाना है.
(B) पृष्छा प्रशिक्षण प्रतिमान (Page training model)
इस प्रतिमान के प्रतिपादक रिचर्ड सचमैन ने 1966 में किया है. यह प्रतिमान वैज्ञानिक विचारधारा पर आधारित है, जो विद्वता पूर्ण पूछ-ताछ के लिये प्रशिक्षित करता है. इस प्रतिमान के प्रमुख तत्व इस प्रकार है:-
1- उद्देश्य / लक्ष्य / केंद्र बिंदु :- इसका मुख्य उद्देश्य विद्यार्थियों में पूछ-ताछ की व्यक्तिगत क्षमता का विकास करना है तथा सिद्धांतो का बोध करना है.जिससे छात्रों की जिज्ञासा को शांत कर सके.
2- संरचना
3- सामाजिक प्रणाली
4- सहायक प्रणाली
5- मूल्यांकन
6- प्रयोग:- पूछ-ताछ शिक्षण प्रतिमान का प्रयोग विषय-वस्तु का बोध खोजबीन विधि में किया जाना है.
(C) प्रत्यय निष्पत्ति प्रतिमान (Suffix concept paradigm)
इस प्रतिमान का प्रतिपादन जे० एस० ब्रूनर ने किया लेकिन डॉ० संतोष मित्तल ने अपनी पुस्तक “Educational Technology” में इस प्रतिमान का प्रतिपादन 1956 में व इसका प्रतिपादक ब्रूनर, जार्ज ऑस्टिन व गुडनाउ को माना है. यह प्रतिमान संप्रत्यय विकसित करने का अच्छा साधन माना गया है.
इस प्रतिमान के प्रमुख तत्व इस प्रकार है:-
1- उद्देश्य / लक्ष्य / केंद्र बिंदु :- इस प्रतिमान का उद्देश्य भाषा की समझ व कौशल का विकास करना है.
2- संरचना
3- सामाजिक प्रणाली
4- सहायक प्रणाली
5- मूल्यांकन
6- प्रयोग:- इसका प्रयोग वृहद रूप में किया जाता है लेकिन सर्वाधिक प्रयोग भाषा-कौशलमें किया जाता है.
निष्कर्षतः यह प्रमुख शिक्षण प्रतिमान या माँडल है.
मैं विनय भूषण , मेरा कक्षपाल लिखित परीक्षा का एडमिट कार्ड खो गया है ! फिजिकल परीक्षा 14/03/18 को है ! लिखित परीक्षा का एडमिट कार्ड कैसे उपलब्ध हो पाएगा सर ?? मेरा रौल नंबर 4119180053 है !! मेरा मोबाईल नंबर 8002626249 है , यथा शीघ्र उपाय बताएं.
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