थ्री पैरेंट तकनीक क्या है और इसके दोष व लाभ
सुर्खियों में क्यों है थ्री पैरेंट तकनीक?
- मेक्सिको में थ्री पैरेंट तकनीक की सहायता से तीन अभिभावको से जन्मा दुनिया का पहला बच्चा.
- निषेचन की नई तकनीक.
- 3 लोगों के डीएनए के मिश्रण का इस्तेमाल किया जाता है.
- सिर्फ यूनाइटेड किंगडम में वैध है यह तकनीक.
- दुनिया भर में थ्री पेरेंट तकनीक पर है विवाद.
थ्री पैरेंट तकनीक की प्रक्रिया
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प्रो न्यूक्लियर ट्रांसफर मेथड का उपयोग, जिसमें :-
- निषेचन से माता और डोनर के अंडाणु व पिता के शुक्राणु का उपयोग.
- निषेचन अंडाणु के भ्रूण में विभाजित होने से पहले नाभिक का निष्कासन.
- डोनर के निषेचित अंडाणु का नाभिक माता के निषेचित अंडाणु के नाभिक द्वारा प्रतिस्थापित.
- इस मेथड में दो भ्रूण को नष्ट करना पड़ता है.
2. स्पिंडल न्यूक्लियर ट्रांसफर मेथड, जिसमें :-
- डोनर के अंडाणु से नाभिक का निष्कासन.
- माता के अंडाणु से नाभिक निकालकर डोनर के अंडाणु में प्रतिस्थापन किया जाता है.
- माता के नाभिकीय डीएनए व डोनर के माइटोकॉन्ड्रिया DNA से निर्मित अंडाणु से पिता के शुक्राणु का निषेचन.
थ्री पैरेंट तकनीक के लाभ
- भ्रूण में अनुवांशिक सुधार कर उसे माता के गर्भाशय में प्रवेश कराने की सुविधा
- माइटोकॉन्ड्रिया संबंधी अनुवांशिक विकारों से अगली पीढ़ी का बचाव माइटोकॉन्ड्रिया संबंधी रोगों का इलाज असंभव इसलिए या तकनीक लाभप्रद.
- आई.वी.एफ. भ्रूण के विकल्पों से खुद की अनुवांशिक संतान पाने का अवसर.
थ्री पैरेंट तकनीक के दोष
- थ्री पैरेंट संतानों में कैंसर और कम उम्र में बुढ़ापे का खतरा.
- आने वाली पीढ़ियों में अनुवांशिक परिवर्तन का खतरा.
- मेडिकल साइंस में माइटोकॉन्ड्रिया की जटिलता पर पूरी समझ विकसित नहीं.
- निषेचित अंडाणुओं को उत्पन्न व नष्ट किए जाने पर आपत्ति.
- माइटोकॉन्ड्रिया ट्रांसफर से होने वाली बीमारियों के संचरण पर नियंत्रण नहीं :
- ऊर्जा की आवश्यकता वाले अंगों जैसे मस्तिष्क, मांसपेशियों, लीवर इत्यादि का पर दुष्प्रभाव.
- बहरापन, दृष्टिहीनता, मधुमेह, मिर्गी इत्यादि बीमारियों का खतरा.
- लेह (Leigh) रोग में वृद्धि, पोलियो डिस्ट्रॉफी तथा बर्थ सिंड्रोम रोग की संभावना.