दुनिया भर में हर साल 10 दिसंबर को अंतर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस मनाया जाता है इसमें क्या है खास वह हम आपको बताते हैं:-
जब भी और जहां भी मानवता के मूल्यों का हनन होता है वहां मानव अधिकार हमें अपने तथा अन्य लोगों के लिए खड़े होने के लिए प्रेरित करता है.इंसानों के अधिकारों की लड़ाई को ताकत देने के लिए मानव अधिकारों की सार्वभौमिक घोषणा हुए अब तक 70 वर्ष पूरे हो चुके हैं,
इस वर्ष इंटरनेशनल ह्यूमन राइट 2017 का थीम है:-
चलो समानता, न्याय और मानव गरिमा के लिए खड़े हो जाओ
इस बार मानवाधिकार की 70वीं वर्षगांठ मनाई जा रही है
मानव अधिकार होता क्या है ?
मानवाधिकार प्रत्येक इंसान को अपनी जिंदगी में बराबरी, आजादी और समानता का अधिकार देना ही मानव का अधिकार कहलाता है, जिसे “संयुक्त राष्ट्र संघ” के चार्टर धारा-68 के तहत 1946 में श्रीमती एलोनोर रूजवेल्ट की अध्यक्षता में मानव अधिकार आयोग का गठन किया गया था. श्रीमती एलोनोर रूजवेल्ट अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति फ्रेंकलिन रूजवेल्ट की पत्नी थी. वह जन जन की प्रेरणा स्त्रोत थी. व्हाइट हाउस की फर्स्ट लेडी होने के नाते इन्होने कई परम्पराए स्थापित की. पहले ही दिन उन्होंने महिला पत्रकारों की प्रेस कॉन्फ्रेंस कर सभी को चौका दिया. मानव अधिकार की विश्वव्यापी घोषणा पहली बार सन 1948 में संयुक्त राष्ट्र यूनाइटेड नेशन द्वारा की गई तत्पश्चात सन 1950 के बाद यह हर वर्ष 10 दिसंबर को मनाया जाता है सभी सदस्य देशों और रुचि लेने वाले संगठनों को इस दिन को मनाने के लिए आमंत्रित किया गया। इस कार्यक्रम समारोह में, उच्चायुक्त द्वारा मानव अधिकारों पर एक वैश्विक चर्चा भी सामाजिक मीडिया वेबसाइटों के माध्यम से आयोजित की जाती है।
मानवाधिकार आयोग के कार्यक्षेत्र में नागरिक और सामाजिक के साथ-साथ राजनीतिक, सांस्कृतिक और आर्थिक अधिकार भी आते हैं. जैसे कि- बाल मजदूरी, स्वास्थ्य भोजन, बाल विवाह, महिला अधिकार, एचआईवी/ एड्स, हिरासत और मुठभेड़ में होने वाली मौतें, अल्पसंख्यकों और अनुसूचित जाति व जनजाति के अधिकार इसके अंतर्गत आते हैं.
भारत में मानवाधिकार कानून 28 सितंबर सन 1993 को लाया गया, जिसके तहत भारतीय संविधान मानवाधिकार की गारंटी देता है इसे तोड़ने वाले को न्यायालय द्वारा सजा दिए जाने का प्रावधान है.
भारत सरकार ने 12 अक्टूबर 1993 को राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग का गठन किया.
2011 में यूनाइटेड नेशन में इंटरनेट एक्सेस को बेसिक ह्यूमन राइट घोषित किया.
आज दुनिया भर के 2.1 करोड़ लोगों से जबरदस्ती मजदूरी कराई जाती है, इनमें 1.4 करोड़ महिलाएं व 95 लाख पुरुष शामिल है.
यूनिवर्सल डिक्लेरेशन ऑफ ह्यूमन राइट से संबंधित दस्तावेजों को लगभग 500 से अधिक भाषाओं में अनुवादित किया जा चुका है , जो दुनिया का अब तक का सबसे अनुवादित दस्तावेज़ है.
ह्यूमन राइट के चार प्रमुख स्तंभ है,मानवाधिकारों के लिए खड़े हो जाओ:- Stand up for Human Rights
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मानव अधिकारों की सार्वभौम घोषणा हम सभी को शक्ति प्रदान करती है