विटामिन’सी’ से एक प्रकार के खतरनाक ब्लड Cancer (लयूकेमिया) से निजात दिलाने में सफलता हासिल की है.
इस “Cancer” बात की पुष्टि हमें न्यू यार्क यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिको ने अपने शोध में की है. प्रोफेसर बेन्जामिन नीले ने पता लगाया की लयूकेमिया मनुष्य शरीर में वंशानुगत (जेनेटिक) परिवर्तन के दौरान मानव शरीर में मौजूद T.E.T.-2 नामक एंजाइम की छमता कम हो जाती है इससे निपटने के लिए पीड़ित मरीज को विटामिन ‘सी’ की ज्यादा मात्रा देने पर यह इस एंजाइम की मात्रा को बनाये रखने में सहायक सिद्ध होगा और यह हमारे अस्थिमज्जा में मृत स्टेम कोसिकाओ को नष्ट करने में भी मददगार होंगी.कुछ प्रमुख पहचान निम्नवत है :-
शरीर का रंग पीला लगना – ल्यूकेमिया एक प्रमुख लक्षण है शरीर के पीले पड़ने का।
थकान – अन्य कई परिस्थितियों के अलावा, थकान भी ल्यूकेमिया का एक सामान्य लक्षण है। तो अगर आपको हर वक्त थकान महसूस हो रही है तो
शरीर का प्रतिरोधक सिस्टम सफेद ब्लड सेलों (ल्यूकोसाइट्स) पर निर्भर करता है। जो शरीर को बैक्टीरिया और वायरस के इन्फेक्शन से बचाता हैं।
फीवर – ल्यूकेमिया के चलते शरीर में गैर सेहतमंद कोशिकाओं के बढ़ने से आपका इम्यून पावन कम होता है और आप इंफेक्शन और बुखार की चपेट में जल्दी और लगातार आते हैं।
सांसों लेने में दिक्कत आना – इस बीमारी में जब आप सांस लेते हैं तो ज्यादा गहरी सांस नहीं ले पाते और सांसे छोटी होती हैं। इस तरह से सांसों में कमी होती है।
इस एक्सपेरिमेंट के कामयाब रहने से ब्लड कैंसर और प्रतिरोधक सिस्टम की कई विकृतियों का इलाज आसान हो जाने की सम्भावना है।
घाव का देर से भरना – अगर कोई कट लगने या घाव होने के बाद वह लंबे समय तक न भरे, तो यह ल्यूकेमिया का लक्षण हो सकता है।
वैज्ञानिक ऐसी दवाई पर काम कर रहे हैं, जो इस खतरनाक बीमारी के इलाज में कारगर साबित हो सकती है