भारत को ज्ञान प्रदाता के रूप में विकसित होने की आवश्यकता है : आर्थिक सर्वेक्षण

केन्‍द्रीय वित्‍त एवं कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली ने संसद के पटल पर आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 प्रस्‍तुत किया।

विश्व की सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के रूप में उभरने के पश्चात् भारत को ज्ञान के एक उपभोक्ता के स्थान पर ज्ञान प्रदाता के रूप में परिवर्तित होने की आवश्यकता है।

केन्द्रीय वित्त और कॉरपोरेट मामलों के मंत्री श्री अरुण जेटली द्वारा संसद के पटल पर प्रस्तुत किए गए आर्थिक सर्वेक्षण 2017-18 में इस बात पर जोर दिया गया है।

एक तरफ वैज्ञानिक शोध और ज्ञान का विस्तार हो रहा है और दूसरी तरफ भारत के युवा इंजीनियरिंग, चिकित्सा, प्रबंधन एवं सरकारी नौकरियों को उच्च प्राथमिकता देते हैं। भारत को वैज्ञानिक उद्यम के क्षेत्र में उत्साह को बढ़ाने व लक्ष्य को पुर्ननिर्धारित करने की आवश्यकता है ताकि अधिक से अधिक युवा वैज्ञानिक उद्यम के प्रति आकर्षित हो सकें। इससे ज्ञान भंडार का आधार मजबूत होगा। विज्ञान में निवेश, भारत की सुरक्षा व्यवस्था की मूलभूत आवश्यकता है। नागरिकों की सुरक्षा के लिए, जलवायु परिवर्तन से होने वाली अनिश्चितताओं का सामना करने के लिए तथा नए खतरों जैसे साइबर युद्ध, ड्रोन जैसी स्वायत्त सैन्य प्रणाली से राष्ट्रीय सुरक्षा बनाए रखने की चुनौती के लिए भी विज्ञान में निवेश की आवश्यकता है।